5 Simple Statements About पारद शिवलिंग कहा मिलता है Explained

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कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।।

शालिग्राम को स्थापित करने से पूर्व इसे गंगाजल अथवा कच्चे दूध में डालकर इसे शुद्ध करें।

शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम् या शिवा लिंगम् भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिह्न है। यह प्राकृतिक रूप से स्वयम्भू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है, जिसे पीठम् या पीठ कहते हैं।

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए शालिग्राम को पंचामृत से स्नान करवाएं।

परभणीतील नांदखेडा रस्त्यावरील बेलेश्वर कॉलेज समोर हे ठिकाण आहे.

आपको बता दें कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।

हां, आपको अवश्य ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, किसी विश्वसनीय विक्रेता से ही शिवलिंग खरीदें। शिवलिंग का आकार और गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए, किसी भी तरह का क裂 check here या खरोंच नहीं होना चाहिए। आप अपनी इच्छानुसार छोटे या बड़े आकार का शिवलिंग चुन सकते हैं।

पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

साथ ही इसका आकार आपके अंगूठे के ऊपर वाले पोर से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए।

जैसे- स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, सोने और चांदी के शिवलिंग और पारद शिवलिंग. इनमें से नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है.

अंत में वह सब सुखो को भोग कर वह मोक्ष को प्राप्त करेगा

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अगर परिवार के किसी सदस्य की तबीयत खराब है तो उनको दवाओं के साथ पारद शिवलिंग की पूजा करवाएं। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है

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